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बैंक समाधान विवरण |
दोस्तों, इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको लेखाशास्त्र एवं खाताबही की लेखा प्रणाली में बैंक समाधान विवरण (BankReconciliation Statement) एवं उसके नियमों के बारे में बताएंगे जिससे आप व्यापार में खातों एवं लेंन-देंनों के अंतर को मिलाने के लिए बड़ी ही आसानी से बैंक समाधान विवरण (Bank Reconciliation Statement) बना सकें ।
What is bank reconciliation statement and why is it prepared
बैंक समाधान विवरण का परिचय
(Introduction of Bank Reconciliation Statement) :-
Cash Book एवं
Pass
Book
के
शेष
में
होने
वाले
अंतर
को
मिलाने
के
लिए
जो
लेखा
तैयार
किया
जाता
है
उसे
बैंकसमाधान विवरण(BankReconciliation Statement) कहते हैं।
अन्य
शब्दों
में
Cash
Book एवं
Pass
Book के
शेषों
में
जिन-जिन
कारणों
से
अंतर
पाया
है
उसे
स्पश्ट
करने
के
लिए
जो
लेखा
तैयार
किया
जाता
है
उसे
समाधान
विवरण कहा जाता
है।
किसी व्यापारी एवं बैंक के बीच जो लेन-देन होता है, उसे
व्यवसायी भी अपनी वही में लिखता है और बैंक भी अपनी
बही में लिखता है क्योंकि रोकड़ बही
(Cash
Book) और बैंक बही (Pass Book) दोनों वहियों में एक ही तरह के लेन-देनों को दर्शाया जाता
है इसलिए दोनों वहियों का शेष भी एक समान होता है किन्तु एक मुख्य तिथि पर जब दोनों वहियों को मिलाया जाता है तो दोनों वहियों के शेषों
में अन्तर पाया जाता है। दोनों वहियों के शेष में अंतर क्यों हुआ इसे ही
जानने के लिए व्यापारी द्वारा समय-समय पर एक लेखा तैयार किया जाता है जिसे बैंक समाधान विवरण कहा जाता है ।
Bank reconciliation Accounting Tools
बैंक समाधान विवरण का अर्थ एवं परिभाषा (Meaning & Definition of Bank Reconciliation
Statement) :-
bank samadhan vivran
“बैंक
समाधान
विवरण
एक
ऐसा
लेखा
है
जो
Cash
Book एवं
Pass
Book के
शेष
में
हुए
अंतर
को
मिलाने
के
लिए
तैयार
किया
जाता
है ।“
"A Bank Reconciliation Statement
is an account designed to match the difference between the Balance of a Cash Book
and a Pass Book."
रोकड़ बही (Cash Book) एवं बैंक पास बुक (Bank Pass Book) के शेषों में अन्तर के मुख्य कारण :-
रोकड़ बही (Cash
Book) एवं
बैंक
पास
बुक
(BankPass Book) के शेषों में
निम्नलिखित
कारणों
से
अन्तर
होता
है
:-
- चैक निर्गमित किया गया परन्तु भुगतान
के
लिए
बैंक में प्रस्तुत
नहीं
किया
गया
(Cheque
issued but not presented for payment into Bank )
- चैक जमा किया
गया
परन्तु
बैंक द्वारा
चढ़ाया
नहीं
गया
(Cheque
deposited into Bank but not credited by the Bank )
- चैक जमा किया
गया
परन्तु
वसूली
नहीं
हुआ
(Cheque
deposited but not collected )
- बैंक के द्वारा
चैक
अनादरितकिया
गया
(Cheque
Dishonoured by the bank )
- चैक प्राप्त हुआ
परन्तु
बैंक भेजा
नहीं
गया
(Cheque
received but not send to the Bank)
- चैक जमा किया
गया
परन्तु
Cash
Book में
Debit
नहीं
किया
गया
(Cheque
deposited but not debited in cash book )
- चैक निर्गमित किया परन्तु Cash
Book में
Credit
नहीं
किया
गया
(Cheque
issued but not credited in Cash Book)
- ग्राहक के द्वारा
रकम
सीधे
बैंक में जमा
किया
गया
(Amount
directly deposited by the customer in to Bank)
- बैंक ने गलती
से
में
नाम
(ऋणी) कर दिया
(Bank
wrongly debited in Pass Book)
- बैंक ने गलती
से
में
जमा
(धनि) कर दिया
(Bank
wrongly credited in Pass Book)
- बैंक द्वारा
शुल्क
लिया
गया
(Expense
charged by the bank)
- बैंक द्वारा
कमीशन
लिया
गया
(Commission
charged by the bank )
- बैंक द्वारा ब्याज
दिया
गया
(Interest
allowed by the Bank )
- बैंक द्वारा ब्याज
लिया
गया
(Interest
charged by the bank)
बैंक समाधान विवरण का महत्व एवं उद्देश्य (Importance and Objectives
of Bank
Reconciliation Statement) :-
- रोकड़ बही या पास बुक में की गई गलतियों एवं त्रुटियों का पता लगाना एवं उन्हें दूर करने के समाधान ढूंढ़ना ।
- प्रपत्रों को नवीनतम बनाए रखना।
- रोकड़ व बैंक का लेन-देन करने वाले कर्मचारी की गड़बड़ियों एवं धोखाधड़ियों पर अंकुश लगाना ।
- रोकड़ बही की शुद्धता की जाँच में सहायता प्रदान करना।
- छल-कपट व कोषों के दुरूपयोग की संभावना को कम करना।
- चैकों के संग्रहण/वसूली में होने वाली देरी को चिन्हित करना।
- रोकड़ बही के अनुसार बैंक शेष क्या है इसका पता लगाना।
brs bank reconciliation statement
बैंक समाधान विवरण क्या है?
बैंक समाधान
विवरण की
विशेषताएँ (Features of Bank Reconciliation
Statement) :-
बैंक समाधान विवरण की मुख्य विशेषताएँ निम्नानुसार है :-
- बैंक समाधान विवरण रोकड़ बही शेष एवं पास बुक शेष के मिलान करने के लिए तैयार किया जाता है।
- बैंक समाधान विवरण समय-समय पर या महीने के अंत में या तीन महीने के अंत में तैयार किया जाता है।
- बैंक समाधान विवरण व्यापारी या ग्राहक के द्वारा तैयार किया जाता किसी बैंक के द्वारा नहीं ।
- बैंक समाधान विवरण दोहरा लेखा प्रणाली का भाग नहीं है। यह सिर्फ रोकड़ शेष को बैंक की पास बुक के शेष के साथ मिलाने के एक बिधि है।
- यदि सिर्फ रोकड़ बही के अनुसार शेष दिया हो तो इसे नाम शेष ही समझना चाहिए।
- रोकड़ बही के जमा शेष को बैंक अधिविकर्ष (Overdraft) अर्थात रोकड़ बही के अनुसार प्रतिकूल शेष कहा जाता है।
- बैंक समाधान विवरण बनाने का उद्देश्य सिर्फ खातों के शेषों का मिलान करना ही नहीं बल्कि त्रुटियों या भूलों के कारणों का पता लगाना भी होता है।
रोकड़ बही (Cash Book) एवं पास बुक (Pass Book) :-
Bank एवं व्यापारी के बीच
में होने वाले लेनदेनों को व्यापारी के द्वारा जिस वही में लिखा जाता है उसे Cash
Book कहा
जाता है।
Bank एवं व्यापारी के बीच
होने वाले लेनदेनों को बैंक के द्वारा जिस वही में लिखा जाता है उसे कहा Pass Book कहा जाता है।
व्यापारी जब भी बैंक में रुपया एवं चैक जमा
करता है तो वह अपनी Cash Book में Debit Side में लिख लेता है और जब भी रकम बैंक द्वारा
निकलता है तो वह अपनी Cash Book में Credit
Side में
इसका लेखा करता है ।
Cash
Book में Debit Side अधिक होने पर समझा जाता है कि में रुपया जमा
है परन्तु इसके विपरीत Credit Side अधिक होने पर यह समझा
जाता है कि Bank में कुछ भी जमा नहीं है
बल्कि Bank का ही व्यापारी के ऊपर वकाया है अर्थात अधिविकर्ष हो
गया है। Cash Book का Debit
Balance जमा (Deposit) को दर्शाता है तथा Credit Balance अधिनिकासी (Overdraft) को दर्शाता है।
बैंक द्वारा Pass Book में Credit Side व्यापारी के द्वारा जमा की गयी राशि को दर्शाया जाता है और Debit तरफ निकली गयी राशि को दिखाया जाता है।
Pass
Book में Credit तरफ अधिक होने पर यह समझा जाता है कि व्यापारी का Bank में रुपया जमा है और Debit Side अधिक होने पर समझा जाता है कि व्यापारी का बैंक में कुछ भी नहीं बचा बल्कि Bank का ही व्यापारी के ऊपर वकाया है।
पास Book
का Credit Balance जमा (Deposit) को दर्शाता है तथा Debit Balance अधिविकर्ष (Overdraft)
को दर्शाता है।
Cash
Book और Pass Book को मिलाकर देखा जाय तो दोनों बहियाँ एक ही तरह
की होती हैं फर्क सिर्फ इतना होता है कि जिस लेन-देन को Cash Book में Debit
की तरफ लिखा जाता है
उसे Pass Book में Credit
की तरफ लिखा जाता है और
जिस लेन-देन को Cash Book में Credit Side की तरफ लिखा जाता है उसे Pass Book में Debit
पक्ष में लिखा जाता है।
Cash
Book का Debit Balance और Pass Book का Credit
Balance दोनों जमा शेष को ही दर्शाता है तथा Cash
Book का Credit Balance और Pass Book का Debit
Balance दोनों अधिविकर्ष (Overdraft) को दर्शाता है ।
बैंक पास बुक
के अनुसार
शेष (Balance
As Per Bank Pass Book) :-
जब बैंक
में
ग्राहक
के
खाते
में
जमा
धन
उसके
आहरण
की
राशि
से
अधिक
हो
तो
इसे
पास
बुक
के
अनुसार
शेष
(Balance
as per Bank Pass Book ) कहा जाता
है।
इस स्थिति
में
पास
बुक
का
शेष
जमा
शेष
(Credit
Balance) प्रदर्शित करता है।
यदि किसी
कारणवश
जमा
धन
से
आहरणों
की
राशि
अधिक
हो
जाए
तो
यह
बैंक
अधिविकर्ष
समझा
जायेगा
और
ऐसी
स्थिति
में
पास
बुक
का
शेष
नाम
शेष
(Debit
Balance) होगा।
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Bank reconciliation statement rules |
बैंक समाधान विवरण बनाने की विधियाँ (Methods of Bank Reconciliation Statement)
बैंक समाधान विवरण
निम्नलिखित
4
विधियों
से
बनाया
जाता
है :-
1.रोकड़
बही
के
नाम
शेष
को
आधार
मानकर
2.रोकड़
बही
के
अधिविकर्ष
शेष
को
आधार
मानकर
3.पास
बुक
के
जमा
शेष
को
आधार
मानकर
4.पास
बुक
के
अधिविकर्ष
शेष
को
आधार
मानकर
बैंक समाधान विवरण बनाने का प्रारूप एक दृष्टि में (Format of Making a Bank Reconciliation Statement at a Glance) :-
Format
Bank Reconciliation Statement as on -------
|
||
Particulars
|
Amt. (Rs.)
|
Amt. (Rs.)
|
Balance as per--------------
|
0
|
|
Add:-
|
||
1)
|
0
|
|
2)
|
0
|
|
3)
|
0
|
|
4)
|
0
|
0
|
0
|
||
Less:-
|
||
1)
|
0
|
|
2)
|
0
|
|
3)
|
0
|
|
4)
|
0
|
0
|
Balance as per--------------
|
0
|
S.No.
|
Items
|
(Balance
as per)
|
(Overdraft
as per)
|
||
(Cash
Book)
|
(Pass
Book)
|
(Cash
Book)
|
(Pass
Book)
|
||
Dr.
|
Cr.
|
Cr.
|
Dr.
|
||
1
|
Cheques
issued but not presented for payment
|
+
|
-
|
-
|
+
|
2
|
Cheques
sent to the Bank for collection but not collected
|
-
|
+
|
+
|
-
|
3
|
Interest
allowed by the Bank but not written in the Cash Book
|
+
|
-
|
-
|
+
|
4
|
Bank
charges and interest on overdraft charged by the Bank but not written in Cash
Book
|
-
|
+
|
+
|
-
|
5
|
Payments
received by the Bank but not written in the Cash Book
|
+
|
-
|
-
|
+
|
6
|
Payments
made by the Bank but not written in the Cash Book
|
-
|
+
|
+
|
-
|
7
|
Money
directly deposited by a customer in our Bank Account
|
+
|
-
|
-
|
+
|
8
|
Cheques
sent to the Bank for collection but dishonoured
|
-
|
+
|
+
|
-
|
9
|
Cheques
debited in the Cash Book but not sent to the Bank
|
-
|
+
|
+
|
-
|
10
|
Cheques
issued and dishonoured but no entry made in cash Book for dishonour
|
+
|
-
|
-
|
+
|
11
|
Any
wrong entry in Dr. side of the Pass Book
|
-
|
+
|
+
|
-
|
12
|
Any
wrong entry in Cr. side of the Pass Book
|
+
|
-
|
-
|
+
|
विशेष :-
यदि
रोकड़
बही
के
शेष
को
आधार
मानकर
समाधान
विवरण
तैयार
किया
गया
है
तो
पास
बुक
का
शेष
प्राप्त
होगा
और यदि पास
बुक
के
शेष
को
आधार
मानकर
समाधान
विवरण
बनाया
गया
है
तो
रोकड़
बही
का
शेष
प्राप्त
होगा।
जब कोई खाताधारी
अथवा
ग्राहक
किसी
विशेष
सुविधा
के
अंतगर्त
अपने
खाते
में
जमा
धनराशि
से
अधिक
राशि
निकाल
लेता
है, तब
उस
स्थिति
को
अधिविकर्ष
(Overdraft)
कहा
जाता
है
।
उदाहरण के तौर पर - श्याम का किसी
बैंक
में
5 ,00,000 रु.
जमा
था, पर
उसने
6,00,000 रु.
निकाल
लिए
तो
उसके
खाते
में
1 ,00,000 रु.
का
ओवरड्राफ्ट
बाकि
शेष
बैंक
में निकलेगा ।
अधिविकर्ष की
राशि
पर
बैंक
एक
निर्धारित
दर
से
ब्याज
वसूलता
है
जो
बैंक
की
आय
होती
है
और
ग्राहक
के
लिए
व्यय
होता
है।
अधिविकर्ष की
दशा
में
रोकड़
खाते
के
बैंक
कॉलम
का
शेष
जमा
शेष
(Credit
Balance) होता है और
पास
बुक
का
शेष
डेबिट
शेष
(Debit
Balance) होता है।
चैक का
अनादरण (Dishonoured
Of Cheque) :-
यदि निम्न
कारणों
से
बैंक
द्वारा
चैक
का
भुगतान
नहीं
किया
जाय
तो
उसे
चैक
का
अनादरण
(Dishonoured
Of Cheque) कहा जाता
है अर्थात में
से
कोई
भी
कारण
उपस्थित
रहने
पर
बैंक
चैक
का
भुगतान
करने
से
इनकार
कर
देता
है
:-
- खाता संख्या गलत रहने पर
- खाते में पर्याप्त राशि जमा नहीं रहने पर
- चैक नम्बर गलत रहने पर
- हस्ताक्षर गलत रहने पर
- 3 माह के बाद चैक को पेश किये जाने पर
- Account Holder के द्वारा मना करने पर
- चैक पर अस्पष्ट लिखावट रहने पर
- चैक पर कटिंग/Over Writing हो जाने पर
- चैक पर अंकों एवं शब्दों के राशियों में अंतर होने पर
- चैक पर गलत व्यक्ति का नाम अंकित होने पर
- चैक पर पृष्ठांकन अंकित होने पर
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धन्यवाद ।
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